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Bachpan Shayari, Status and Quotes in Hindi | बचपन पर शायरी

Bachpan Shayari, Status and Quotes in Hindi | बचपन पर शायरी

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Top 100 Bachpan Shayari, Status and Quotes

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बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे !!

 

आओ भीगे बारिश में
उस बचपन में खो जाएं
क्यों आ गए इस डिग्री की दुनिया में
चलो फिर से कागज़ की कश्ती बनाएं !!

 

कितने खुबसूरत हुआ करते थे
बचपन के वो दिन,
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से,
दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी !!

 

शौक जिन्दगी के अब जरुरतो में ढल गये,
शायद बचपन से निकल हम बड़े हो गये !!

 

अजीब सौदागर है ये वक़्त भी
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया !!

 

काश मैं लौट जाऊं…
बचपन की उन हसीं वादियों में ऐ जिंदगी
जब न तो कोई जरूरत थी और न ही कोई जरूरी था !!

 

कोई मुझको लौटा दे वो बचपन का सावन,
वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी !!

 

ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर
बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर !!

 

झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम
ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम !!

 

बचपन भी कमाल का था
खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें
या ज़मीन पर
आँख बिस्तर पर ही खुलती थी !!

 

खुदा अबके जो मेरी कहानी लिखना
बचपन में ही मर जाऊ ऐसी जिंदगानी लिखना !!

 

काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था !!

 

बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे !!

 

रोने की वजह भी न थी
न हंसने का बहाना था
क्यो हो गए हम इतने बडे
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था !!

 

वो क्‍या दिन थे…
मम्‍मी की गोद और पापा के कंधे,
न पैसे की सोच और न लाइफ के फंडे,
न कल की चिंता और न फ्यूचर के सपने,
अब कल की फिकर और अधूरे सपने,
मुड़ कर देखा तो बहुत दूर हैं अपने,
मंजिलों को ढूंडते हम कहॉं खो गए,
न जाने क्‍यूँ हम इतने बड़े हो गए !!

 

जिस के लिए बच्चा रोया था
और पोंछे थे आँसू बाबा ने
वो बच्चा अब भी ज़िंदा है
वो महँगा खिलौना टूट गया !!

 

बचपन में जहाँ चाहा हँस लेते थे
जहाँ चाहा रो लेते थे और अब
मुस्कान को तमीज चाहिए
और आंसुओं को तन्हाई !!

 

कोई मुझको लौटा दे वो बचपन का सावन,
वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी !!

 

अब तो खुशियाँ हैं इतनी बड़ी,
चाँद पर जाकर भी ख़ुशी नहीं,
एक मुराद हुई पूरी कि दूसरी आ गयी,
कैसे हो खुश हम, कोई बता दो,
अब तो बस दुःख भी हैं इतने बड़े,
कि हर बात पर दिल टुटा करता है !!

 

याद आती है आज छुटपन की वो लोरियां,
माँ की बाहों का झूला ,
आज फिर से सूना दे माँ तेरी वो लोरी,
आज झुला दे अपनी बाहों में झूला !!

 

तब तो यही हमे भाते थे,
आज भी याद हैं छुटपन की हर कविता,
अब हजारों गाने हैं पर याद नहीं,
इनमे शब्द हैं पर मीठा संगीत कहाँ !!

 

बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें,
आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें !!

 

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते !!

 

मेरा बचपन भी साथ ले आया
गाँव से जब भी आ गया कोई !!

 

मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है
उम्र का बेहतरीन हिस्सा है !!

 

फ़रिश्ते आ कर उन के जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं
वो बच्चे रेल के डिब्बों में जो झाड़ू लगाते हैं !!

 

किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है !!

 

दूर मुझसे हो गया बचपन मगर
मुझमें बच्चे सा मचलता कौन है !!

 

मेरे दिल के किसी कोने में, एक मासूम सा बच्चा
बड़ों की देख कर दुनिया, बड़ा होने से डरता है !!

 

झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम
ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे !!

 

कोई स्कूल की घंटी बजा दे
ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है !!

 

बचपन में आकाश को छूता सा लगता था
इस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं !!

 

बचपन में आकाश को छूता सा लगता था
इस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं !!

 

Bachpan Shayari, Status and Quotes in Hindi | बचपन पर शायरी
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